आयुर्वेद संग्रह पूर्वी भारत, विशेष रूप से बंगाल और उड़ीसा में सबसे व्यापक रूप से संदर्भित शास्त्रीय पुस्तकों में से एक है जिसकी विषय वस्तु बृहत्त्रयी, हारित संहिता, क्षारपाणि संहिता, आत्रेय संहिता, भावप्रकाश, चक्रदत्त और शारंगधर संहिता और अन्य विभिन्न स्रोत – जैसे प्रयोगामृत, सारकौमुदी, प्रयोगचिन्तामणि, भैषज्यरत्नावली, रसेन्द्रसारसंग्रह, रसेन्द्रचिन्तामणि, रसरत्नाकर और शल्यतंत्र के अन्य ग्रन्थों से संकलित की है। यह ग्रन्थ आयुर्वेद के विभिन्न विषय जैसे कि निदान, चिकित्सा, औषध विज्ञान, पारिभाषिक शब्दावली, शोधन, मारण, पुट आदि रसशास्त्र तथा भैषज्य आदि विषय भी सम्मिलित है। इन्ही विशिष्टताओं के कारण इस ग्रन्थ को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० की अनुसूची १ के पुस्तकों में सम्मिलित किया गया। यह कार्य आयुर्वेद के विद्वानों, चिकित्सकों, शिक्षाविदों, प्रशासकों और अन्य सभी हितधारकों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगा। परिषद् ने इस ग्रन्थ को दो भागों में प्रकाशित किया है, जिसका यह द्वितीय भाग है ।