सार्थ रसचण्डांषुः अथवा रसरत्नसंग्रह वैद्य दत्तो बल्लाल बोरकर द्वारा संपादित एक संग्रह रसग्रन्थ है। अद्यतन इस ग्रन्थ का मराठी अनुवाद सहित एक संस्करण उपलब्ध था किन्तु यह केवल सीमित जनसमुदाय के लिए ही उपयोगी था। तदर्थ इस ग्रन्थ को व्यापक स्तर पर उपयोज्य बनाने हेतु इसका पुनः प्रकाषन हिन्दी अनुवाद सहित कराया गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ को पूर्व खण्ड और उत्तर खण्ड ऐसे दो विभागों में विभाजित किया है। पूर्व खण्ड में पारद और अन्य एकल रसद्रव्यों का द्रव्य परिचय तथा उनकी षोधन, मारणादि क्रियाओं का वर्णन तथा उत्तर खण्ड में रोगाधिकार के अनुसार औशधि योगों का विस्तृत वर्णन किया गया हैं।