अभिनव चिन्तामणि पुस्तक नवीब रोग स्थितियों का भी परिचय देती है, जैसे अम्लपित्त ग्वार (एसिड अपच के कारण होने वाला बुखार ), कपिकच्छु के कारण सूजन), और पुंस्तनवृद्धि (पुरुष स्तन ऊतक की सूजन), जो अभिनव चिंतामणि के लिए अद्वितीय है | मसूरिका (चेचक) के मामलों में शीतला देवी की पूजा करने की विधान उस अवधि केदौरान दैवव्यापाश्रय चिकित्सा (आध्यात्मिक उपचार ) के महत्व पर प्रकाश डालता है | 64 वें किरण से 66 वें किरण तक रसायन (कायाकल्प चिकित्सा), वाजीकरण (कामोत्तेजक),वमन (चिकित्सीय वमन ). और ऋतुचार्य ( मौसमी आहार) का वर्णन किया गया है
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