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आयुर्वेद शास्त्रीयग्रन्थश्रंखलाया एकत्रिंशत्तमं सोपानम आचार्यश्रीमिश्रक्षेमङ्करविरचितः चिकित्सासार:(पाठशुद्धिः एवञ्चि हिन्दीटीकासहितः) (Chikitsasaar)

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परिषद् द्वारा प्रकाशित शास्त्रीय ग्रन्थमाला के ३१ वाँ सोपान के रूप में आचार्य क्षेमङकर मिश्र द्वारा संकलित चिकित्सासार नमाक पाण्डुलिपि को हिंदी अनुवाद के साथ एक पुस्तक के रूप में पाठकवृन्दों तक उपलब्ध कराया जा राजा है इस ग्रन्थ का अनुवाद कार्य आयुर्वेद एवं संस्कृत व्याकरण के उद्भव विद्वान,दर्शनाचार्य,,राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के मोलिक -सिद्वंन्त विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष, गुरु रविदास आयुर्वेद विश्वविधालय होशियारपुर ,पंजाब के पूर्व कुलपति परम श्रद्वेय स्व .पोफ्रेसर ओम प्रकाश उपाध्याय जी द्वारा संपादित किया गया है | पूजनीय उपाध्याय जी वर्तमान में हमारे बीच नहीं रहे तथापि परिषद् द्वारा प्रकाशित यह पुष्प श्रद्ध जलि स्वरूप उनके श्रीचरणों में संपित है|

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