केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली साहित्यिक अनुसंधान के क्षेत्र में शास्त्रीय आयुर्वेद ग्रन्थों के पुनरुद्धार और इनके आयुर्वेद के सभी हितधारकों के लाभ में लाने के उद्देश्य से लगातार काम कर रही है। इसी शृंखला में परिषद ने चिकित्सा एवं अन्य विषयों से जुडे अनेक ग्रन्थों का प्रकाशन किया है जिसका लाभ आयुर्वेद समूह को निरन्तर प्राप्त होता रहा है। पथ्यापथ्य विनिश्चय नामक ग्रन्थ भी उसी कडी में एक हिस्सा है जिसको परिषद ने १९९९ में प्रकाशित किया था, तथा इसकी उपयोगिता को देखते हुए प्रकाशित भाग में चरकसंहिता, सुश्रुतसंहिता, अष्टांगहृदय, अष्टांगसंग्रह तथा चक्रदत्त आदि ग्रन्थों से ज्ञान का संकलन करके पथ्यापथ्य संबंधी टिप्पणीयां जोडी गई है, जो कि इस प्रकाशन में मूल्यवृद्धि लाती है।

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